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अगले दिन, जब मछुआरा आया और तालाब में जाल बिछाया, तो पहली दो मछलियां बच गईं क्योंकि वे जा चुकी थी। लेकिन तीसरी मछली पकड़ी गई। वह समस्या की पहचान करने और उस पर कार्रवाई करने में असमर्थ रही और वह खतरे में पद गई।
इसका अर्थ यही हुआ न कि चोरी करना व्यर्थ है”
कुरज की विनती सुनकर ग्वाले को दया आ गईं, उसने खेत के मालिक से कहा- छांटकर एक अच्छी सी गाय लेलो और इस कुरज को छोड़ दो. पर खेत का मालिक अत्यंत लोभी था.
इस तरह बुजुर्ग ने हमारी समस्या हल कर दी.
क्या वह आज तक किसी की बनी हैं, जो तुम लोगो की बन जाएगी. मनुष्य मेरी मेरी करके व्यर्थ यत्न करता हैं.
क्योंकि परीक्षा के बाद उन्हें सभी वस्तुएं उनकें मालिक को वापिस करनी थी.
वह धनी नवयुवक उस परेशान व्यक्ति के पास पंहुचा और उनसे ख़ामोशी का कारण पूछा
बया के घौसले बेहद प्रसिद्ध होते है तथा यह बेहद सुंदर नीड़ बनाती हैं.
आप दोनों ही कल मेरे यहाँ भोजन पर आमंत्रित हो. भोजन के बाद बताउगा की कौन बुद्धि में श्रेष्ट हैं.
वे अपने आप तुमसे छोटे हो जाएगे..
यह थी इनकी विशेषता. इन्होने बुद्धि से काम लिया, सूझ बुझ दिखाई.
सोचा हमने ढेरों पैसा कमाया हैं, वैसे भी यह अपने वतन का आदमी हैं,
कुछ देर में थाल साफ़ हो गया. सारे लड्डू समाप्त हो गये. न हो हल्ला न शोरगुल. इस तरह देवताओं ने शांतिपूर्ण भोजन किया.
राजा ने उस मंत्री को बुलाकर पूछा मंत्रीजी आपने बहुत समय पहले सेठजी के यहाँ क्या स्वप्न देखा था.